सभी मित्रों को शुभ दीपावली-'पन्च पर्व'| कुबेर इस रचना में समाज का पूजीवादी वर्ग का प्रतीक है और धन्वंतरी चिकित्सा पद्धातियों से जुड़े वर्ग का | आज दोनों एक दूसरे का पर्याय हो गये हैं |देखिये एक सार्थक प्रतीकवादी दोहा-गीत अभिधा, लक्षणा-व्यन्जना तीनों शब्द-शक्तियों में !
(सारे चित्र 'गूगल-खोज से साभार)
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(१)धन-त्रयोदशी
(धन्वन्तरि-कुबेर के प्रति)
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भूखे को
दें अन्न-घर, वस्त्र, करें मत देर !
धन-तेरस
के पर्व पर, श्री-धनवन्त कुबेर !!
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धन्वन्तरी, कुबेर हों, मत केवल
‘धन-दास’ |
रोग-निवारण के लिये, जायें सब के पास
||
धन-हीनों पर हों सदा, वैद्य-हकीम
उदार |
औषधियों पर मत पड़े, ‘महँगाई’ की
मार ||
‘लोभ-पिशाचों’
का करें, विनाश देर अबेर |
धन-तेरस
के पर्व पर, श्री-धनवन्त कुबेर !!१!!
यम्-संयम औ नियम सब, करें संतुलित
भोग |
तन-मन के सारे मिटें, मारक-घातक रोग ||
चित में बसी बुराइयों, की न बढ़े
परिमाप |
मत मन में व्यापें अधिक,
घातक-पातक पाप ||
‘मानस-पत्’
पर प्रेम की, दें तस्वीर उकेर |
धन-तेरस
के पर्व पर, श्री-धनवन्त कुबेर !!२!!
हर ‘इन्द्रिय’ में शुद्धता, हो, ‘मल’ रहे न शेष |
देश-वासियों को मिले, इतना ज्ञान विशेष ||
‘समाज-तन’ नीरोग हो, बढ़े और सुख-शान्ति |
‘धन ईश्वर से बड़ा है’, मत फैले यह भ्रान्ति ||
“प्रसून” पूँजीवाद
में, करें न अब अन्धेर |
धन-तेरस
के पर्व पर, श्री-धनवन्त कुबेर !!३!!
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सरदार बल्लभ भाई पटेल समर्पित एक रचना हेतु मेरे ब्लॉग प्रसून पर आप सादर आमंत्रित हैं | पधार कर कृतार्थ करें !
देवदत्तप्रसून जी !ये आधुनिक जीवन की झरबेरियां ही नहीं राजनीतिक धंधेबाज़ों की अंदर की बात आपने दोहावली के मार्फ़त कह दी है। अजीब बात है इस देश में चिकित्सा माफिया भी पैदा हो गया है जो बड़े बड़े अस्पतालों में मरीज़ के मरने के तीन दिन बाद बतलाता है -सॉरी हमने बचाने की हर पूरी कोशिश की ,बंधू प्रसून आपकी लेखनी में जादू है। टिप्पणियाँ किसी के लेखन को मापने की भौतिक इकाई नहीं हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
आप सभी को --
दीपावली की शुभकामनायें-
सुन्दर प्रस्तुति-
हटाएंआभार आदरणीय-
स्वस्थ के लिए आपने विशुद्ध सटीक बात दोहे के माध्यम से कही है परन्तु स्वस्थ सेवा अब व्यवसाय बन चूका है ,वही रोगों का कारण भी है !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट हम-तुम अकेले
जिंदगी सारी खुशिया मिले
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें
स्वस्थ्य सफल दीर्घायु रहो
sundar prastuti ..........deepotsav ki hardik shubhkamnayein
जवाब देंहटाएंधनवंतरी को आज के सन्दर्भ में देखने की कोशिश की है ... बहुत उत्तम रचना ...
जवाब देंहटाएंदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...