tag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post4486682005608567329..comments2023-12-23T02:06:46.562-08:00Comments on साहित्य प्रसून: झरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (त)दीवाली के आस पास | (शुभ कामनाओं का गुलदस्ता ) देवदत्त प्रसूनhttp://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-139431338675706842013-11-03T00:27:44.933-07:002013-11-03T00:27:44.933-07:00धनवंतरी को आज के सन्दर्भ में देखने की कोशिश की है ...धनवंतरी को आज के सन्दर्भ में देखने की कोशिश की है ... बहुत उत्तम रचना ...<br />दीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-49424011600742725212013-11-02T00:20:47.811-07:002013-11-02T00:20:47.811-07:00sundar prastuti ..........deepotsav ki hardik shub...sundar prastuti ..........deepotsav ki hardik shubhkamnayeinvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-60830886315364700362013-11-01T23:44:46.711-07:002013-11-01T23:44:46.711-07:00जिंदगी सारी खुशिया मिले
दीपावली की शुभकामनायें
स्...जिंदगी सारी खुशिया मिले <br />दीपावली की शुभकामनायें<br />स्वस्थ्य सफल दीर्घायु रहो विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-67418461536042011912013-11-01T22:09:03.216-07:002013-11-01T22:09:03.216-07:00स्वस्थ के लिए आपने विशुद्ध सटीक बात दोहे के माध्यम...स्वस्थ के लिए आपने विशुद्ध सटीक बात दोहे के माध्यम से कही है परन्तु स्वस्थ सेवा अब व्यवसाय बन चूका है ,वही रोगों का कारण भी है !<br />नई पोस्ट <a href="http://www.kpk-vichar.blogspot.in/2013/10/blog-post_31.html#links" rel="nofollow"> हम-तुम अकेले</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-91276271151176908242013-11-01T21:35:59.073-07:002013-11-01T21:35:59.073-07:00सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरणीय-
सुन्दर प्रस्तुति-<br />आभार आदरणीय-<br /> रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-53423992196096482712013-11-01T21:35:11.031-07:002013-11-01T21:35:11.031-07:00सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरणीया-
आप सभी को --
दीपा...सुन्दर प्रस्तुति-<br />आभार आदरणीया-<br /><br />आप सभी को --<br />दीपावली की शुभकामनायें-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-5982804892681236752013-11-01T20:48:02.226-07:002013-11-01T20:48:02.226-07:00देवदत्तप्रसून जी !ये आधुनिक जीवन की झरबेरियां ही न...देवदत्तप्रसून जी !ये आधुनिक जीवन की झरबेरियां ही नहीं राजनीतिक धंधेबाज़ों की अंदर की बात आपने दोहावली के मार्फ़त कह दी है। अजीब बात है इस देश में चिकित्सा माफिया भी पैदा हो गया है जो बड़े बड़े अस्पतालों में मरीज़ के मरने के तीन दिन बाद बतलाता है -सॉरी हमने बचाने की हर पूरी कोशिश की ,बंधू प्रसून आपकी लेखनी में जादू है। टिप्पणियाँ किसी के लेखन को मापने की भौतिक इकाई नहीं हैं। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com