गंगा-स्नान/नानक-जयन्ती(कार्त्तिक-पूर्णिमा) की सभी मित्रों को वधाई एवं तन-मन-रूह की शुद्धि हेतु मंगल कामना !
(सारे चित्र' 'गूगल-खोज' से साभार)
नम्बर दो के
माल से, कर कुछ सिक्के दान !
मन की धोने मैल
तू, कर गंगा-स्नान !!
दाम कमाने के
लिए, कर मनमाने काम !
या
हाकिम-हुक्काम को, कर ले तनिक सलाम !!
चाहे लूटे किसी
को, चाहे काटे जेब |
राम-भगत जो भी
करे, होता नहीं फ़रेब ||
योगा कर
विख्यात हो, मार बड़ा मैदान !
मन की धोने मैल
तू, कर गंगा-स्नान !!1!!
मिली नौकरी,
हरि-कृपा, ले तू तगड़ी घूस !
बना आदर्श जोंक
को, खून सभी का चूस !!
मोटी पुस्तक
हाथ ले, पढ़ कर वित्त बटोर !
जम कर पूजा
किया कर, हर दिन सन्ध्या-भोर !!
रंग कर कपड़े
गुरु बना, मान उसे भगवान !
मन की धोने मैल
तू, कर गंगा-स्नान !!2!!
करके भारी
उपद्रव, क्यों है तुझे मलाल ?
क्या उखड़े
तेरा, अगर, सैंयाँ है कुतवाल ??
पकड़ गया तो हो
गयी, यदि तुझको है जेल |
चिन्ता मत कर,
पहुँच से, हो जायेगी वेल ||
प्रभुजी के
दरवार में, अधर्म-धर्म समान |
मन की धोने मैल तू, कर गंगा-स्नान !!3!!
प्रभुजी के दरवार में, अधर्म-धर्म समान |
जवाब देंहटाएंमन की धोने मैल तू, कर गंगा-स्नान !!
....सच माँ में सब कुछ सहन करने के क्षमता है ..
जय गंगा!