=======================
बात कुछ
अजीव और विरोधाभासी लगती है | ‘अध्यात्म’ और दुराचार ! कोई ताल मेल ही नहीं | एक ‘आसमान’
दूसरा धरती | नहीं नहीं उस के भी नीचे रसातल | गार नारकीय गर्त | दोनों का क्या जोड़
? यहाँ अध्यात्म नहीं, उस के छद्म रूप की बात चल रही है | साधुओं के वेश में घूमते
कुछ नर-पिशाचों की चर्चा है यह ! ‘तापसों’ और ‘कपट-तापसों’ को कैसे पहंचानें हम ?
तेज दोनों में होता है | पैशाचिक –पाशविक तेज आँखों में एक विशेष भय-कूट चमक द्वारा
पहँचान सकते हैं | सतो गुणीय, तेज नेत्रों में भोलेपन, मस्त ‘अल्हड़ हास’ और निश्छल
मुस्कान से पहँचान सकते हैं | उस की बातों में चाटुकारिता या अति कठोरता उस की
पाशविकता का स्वरूप होंती है | इन दोनों के बीच का स्फुट किन्तु स्नेह मिश्रित
वार्त्तालाप जिस में आत्मा की अभिव्यक्ति झलक उठे, दैवी व्यक्तित्व
का प्रतीक है |
ध्यान रहे, काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, अहंकार, वासना, परिग्रह आदि
विकारों असंतुलित अनैसर्गिक रूप अपनी छाप अवश्य छोड़ देता है आँखों में, वाणी में
मुख-मण्डल पर | हम उसे जान सकते हैं स्वयं को निर्भय, निर्वैर निरपेक्ष और
निस्स्वार्थ निष्काम रह कर | सकाम, स्वार्थयुक्त सलोभ और अपेक्षाओं से घिरी साधना
की जिज्ञासा इस विशलेषण-शक्ति को उभरने नहीं देती और रहमान-शैतान की पहँचान असंभव
है | बड़ी अजीब बात है कि हम एक गाय बैल
खरीदने में सुवार शक करते है |न बाज़ार में कोई भी चीज़ खरीदते समय हम बाल की खाल
निकाल कर जाँच परख कर छाँट-फाटक कर देखते है | गुरु, जो ‘भाव-सागर’ को पार उतारने
वाला मल्लाह है, मोक्ष का पथ-प्रदर्शक है, को चुनने में कोरी ह्बावुकता, उथले
जज्वात में उलख कर जल्दवाजी करते हैं |
पानी पीजे छान के ! गुरु कीजे जान के !!
(शेष अगले प्रकाशन में)
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} किसी भी प्रकार की चर्चा आमंत्रित है दोनों ही सामूहिक ब्लौग है। कोई भी इनका रचनाकार बन सकता है। इन दोनों ब्लौगों का उदेश्य अच्छी रचनाओं का संग्रहण करना है। कविता मंच पर उजाले उनकी यादों के अंतर्गत पुराने कवियों की रचनआएं भी आमंत्रित हैं। आप kuldeepsingpinku@gmail.com पर मेल भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं। प्रत्येक रचनाकार का हृद्य से स्वागत है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आप को !
हटाएंहिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} की पहली चर्चा हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-001 में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं