सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !
सभी की 'झोली' में भर जायें, 'खुशियों के उपहार' !!
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किसी बहन का 'असमय-अकाल' कहीं 'सुहाग' न उजड़े |
'किसी बाग' में 'तरु खुशियों का' मत 'आँधी' से उखड़े ||
सब के 'सुहाग-बाग' में पनपे, 'फूली फली बहार' ||
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!१!!
'करवा-घट' में भरे 'प्रेम-रस',जिसका मधुर हो स्वाद |
'भाग्य' 'सरसता' भरे, मिले मत, 'कारण हीन विषाद' ||
पति-पत्नी बाँटें इक दूजे को नित 'मीठा प्यार' !!
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!२!!
दोनों 'एक निष्ठ आस्था' से, बनें परस्पर मीत |
मिल कर 'प्रीति की वीणा' में, भर दें सुन्दर 'संगीत' ||
बनी रहे 'झंकार' 'नाद'-मय', कभी न टूटें तार ||
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!३!!
'गण'-पति 'बुद्धि' प्रदान करें, औ 'अशिव', करें 'शिव' दूर |
'ऋद्धि-सिद्धि-समृद्धि' के फल से, हो जीवन भर पूर ||
'चाँद' के दर्शन से भर जाये, 'चाहत' में 'उजियार' !!
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!४!!
'सींकें श्रेष्ठ विचारों की' मिल कर के बना लें कूँची |
जिससे रहे साफ़ सुथरी सी, 'मन की धरा समूची ||
यह कूँची 'मन के आँगन' की, 'करकट' सके बुहार !!
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!५!!
'पौराणिकता' से बढ़ कर है, 'यथार्थ का परिवेश' |
'परिवर्तन में रहे सन्तुलन', मिले हमें 'सन्देश' ||
'नयी-पुरानी सोच' एक जुट, 'युग' का करे सुधार !!
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!६!!
'दाम्पत्य-जीवन' के मधुवन' में,"प्रसून" खिल जायें |
सब की 'भूली विसरी खुशियाँ', राम करे मिल जायें !!
'दुर्दिन के पतझर' की 'बाग' पे, पड़े न कोई 'मार' !!
सब को शुभ हो, 'करबा चौथ' का यह पावन त्यौहार !!७!!
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बढ़िया प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ !
~सादर !