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- !जय बोलो श्री राम की
- जय बोलो श्री राम की!
- !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
- ‘माल मुफ्त का’ खाने वाला |
- ‘थुल थुल पेट’लिये है‘लाला’ ||
- ‘पूजा-घर’ में फेर रहा है-
- लिये हाथ में‘तस्वीह-माला’ ||
- ‘ध्यान’में‘ग्राहक’,’मन’में‘ दौलत’-
- चिन्ता लगी है ‘दाम’ की |
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!१!!
- ‘उजले-उजले कपड़े’ पहने |
- गले में ‘मणि-मोती के गहने’ ||
- ‘नीयत’ में है ‘खोटा सिक्का’-
- ‘सम्बोधन’ में ‘माता-बहनें’ ||
- ‘लम्बा प्रवचन’,‘उपदेशी’ का-
- ‘धूम मची है’ ‘नाम’ की ||
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!२!!
- ‘पीली,लाल,सफ़ेद टोपियाँ’ |
- बने ‘कन्हैया’, साथ ‘गोपियाँ’ ||
- ‘मोती’ स्वयं ‘टटोल’ भर लिये-
- बाँट के सब को,’रिक्त सीपियाँ’ ||
- ‘पेट’ बड़ा है,’जोंक’ सा ‘मोटा’-
- खाते रोज ‘हराम की’ ||
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!३!!
- हर दिन ‘मारामारी’ करते |
- ‘नेताओं’ से ‘यारी’ करते ||
- चबा के ‘बीड़ा’,’खूनी कत्था’-
- ‘मोटी’,’हज़म सुपारी करते’ ||
- ‘मालिक’ के ‘दुम छल्ले कुत्ते’-
- ‘निभा के’,’रीति गुलाम की’ ||
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!४!!
- दफ्तर में शतरंज खेलते |
- ‘बॉस’की‘झिड़की’ रोज़ झेलते ||
- ‘भारी जेब’ ले घर में आ कर-
- ‘लगा के मक्खन’,‘दण्ड पेलते’ ||
- मुफ़्त में ‘मेहनताना’ मिलता-
- इन्हें पड़ी क्या काम की !!
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!५!!
- ‘छू कर पाँव’, ‘गये जो मांगे’ |
- दीवारों पर ‘सनदें’ टाँगे ||
- ‘बड़ा सिलसिला’,’सोर्स लंबा’-
- क्या है कमी ‘इनाम’ की !!
- जय बोलो श्री राम की !
- जय बोलो श्री राम की !!६!!
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मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012
मेरी पुस्तक- 'शंख-नाद' से - !जय बोलो श्री राम की!(अर्द्ध हास्य')
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विजयादशमी की शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंसादर --
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमीत! 'तुम्हारे जीवन' में अब,'कोई घड़ी उदास'न आये !
जवाब देंहटाएं'सिया खुशी की' हरण करे जो,'कोई रावण' पास न आये !!