(दीपावली की बची खुची याद)
(सभी चित्र गूगल-खोज से साभार)
(सभी चित्र गूगल-खोज से साभार)
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
आओ, मिल कर दीप जलायें यार, दिवाली है
!
देखो, लायी
‘मीठा मीठा’ प्यार’, दिवाली है !!
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
कल ‘नर्कासुर’ मार
दिया है, ‘कुँवर कन्हैया’ ने |
‘लालन’ को ‘लाड़
दुलार’ दिया है, ‘जसुदा मैया, ने ||
‘अँधियारी का दानव’
मार के, ‘ज्योति’ बाँटती है-
‘प्रकाश’ का होता यारो, ‘अवतार’
दिवाली है !!
आओ, मिल कर दीप जलायें यार, दिवाली है
!!!१!!
ले कर ‘थाल दीप का’, पूजन करने
सभी चले |
‘आँगन-आँगन’, ’रंगोली’ को, देख के
मन मचले ||
‘वैमनस्य’ की मिटी ‘मलिनता’,
‘गली-गली’ ‘उजली’-
‘प्रदूषणों’
को हर, हरती, ’अंधियार’ दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!२!!
‘महँगाई’ ने
कर दीं सूनी ‘घड़ियाँ’ जीवन की |
‘बुझी बुझी’
सी, देखो तो हैं ‘फुलझड़ियाँ मन की’ ||
फिर भी भूल,
‘गरीबी के दुःख’, ‘खुशी’ में सब झूमे-
‘घड़ियाँ
हर्ष की’ ले आई, दो चार दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!३!!
जुवा खेलना, आगजनी की, घटनायें
मत हों !
चोरी, लूट-खसोट, अपहरण-विपदायें
मत हों !!
बारूदी हो खेल न खूनी,अगर देश
भर में –
केवल तब ही
समझो कि, ‘उपहार’ दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!४!!
बना के ‘ईंधन’, ‘जन-चेतना’ में
आग लगा दें हम |
‘दुःख-दारिद्रय के अंधकार’ को,
दूर भगा दें हम ||
‘महँगाई’ को मिटा के,
‘भ्रष्टाचार’ मिटा दें यदि-
तब समझो
मेरे साथी, ‘उपहार’ दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!५!!
‘गोवर्द्धन’ की ‘पूजा’ कर के,
हम सब यह ‘व्रत’ लें |
‘दुधारु पशु धन’ भारत भर में,
‘घर घर खूब पलें !!
दूध-दही, घी असली, सस्ते, मिलें
जो खाने को-
केवल तब कर
सकती ‘जग-उद्धार’ दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!६!!
‘खील-खिलौने
मीठे मीठे’ “प्रसून” से खिलते |
हाथ बढ़ा कर,
एक दूसरे से ‘हम सब’ मिलते ||
उधर ‘खेत,
वन्-बाग’, ‘सुमन के गुच्छे’ ले आये-
‘शरद की
देवी’ का ‘स्वागत-सत्कार’ दिवाली है ||
आओ, मिल कर
दीप जलायें यार, दिवाली है !!७!!
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अच्छी प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई प्रसून जी ||