गुलदस्ता 'खिली प्रीति' का
(मेरी प्यारी पौत्री रितिका के प्रथम जन्म-दिवस पर)
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यह ‘गुलदस्ता’
खिला ‘प्रीति’ का |
इस का ‘प्यारा
नाम’ है रितिका ||
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इसके पहले जन्म-दिवस पर |
देखो, झूम उठा सारा घर ||
छोटे से परिवार में कितनी-
खुशियों के गूँजे ‘मीठे स्वर’ ||
यह इस ‘घर
रूपी सागर’ की-
‘मोती वाली
कोई सीपिका’ ||
इस से महकी
‘घर की क्यारी’ ||
यह जब से आई
है घर में-
हुआ है ‘घर-आँगन’
‘फुलवारी’ ||
यह है मानों,’अन्धेरे
में-
‘जगमग दीपक’
कोई ‘ज्योति’ का ||
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||२||
यह आई तो ‘भाग’ जग गये |
ज्यों ‘वीणा के राग’ जग गये ||
जैसे, पतझर बीता,सूने-
सोये सोये बाग़ जग गये ||
यह खिलती,
मालती की कोई-
लगती है ‘सुन्दर
सी लतिका’ ||
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||३||
हर रिश्ते को खूब निभाती |
नहीं झिझकती, न शर्माती ||
प्यार से कोइ हाथ बढाये-
किलक के,सब की गोद में जाती ||
जब यह ‘पूछी
बात’ बता दे-
करती है ‘आभास
जीत का’ ||
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||४||
है ‘नटखट’ पर ‘सीधी सादी’ |
माता पिता की 'साहब जादी' ||
ताई,ताऊ,बुआ की प्यारी-
इसे चाहते दादा-दादी ||
सदा मोहती
है मन सबका-
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||५||
यह है कितनी भोली भाली |
जो भी ‘चीज़’ उठाई,खा ली ||
जब बजता मन चाहा गाना-
उठती नाच,बजा कर ताली ||
सब इसको जब
देख के हँसते-
बढ़ जाता है
मज़ा गीत का ||
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||६||
इसका भैया गोद खिलाता |
जब रोती है, तब दुलराता ||
पकड़ के उँगली कभी चलाता |
बिठा के कन्धे पर इठलाता ||
उसे
नोचती,प्यार दिखाती-
करती है ‘इज़हार’
‘प्रीति’ का ||
इसका प्यारा
नाम है रितिका ||७||
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Ritika ke janmadin par badhiya foto or rachana ...janmadin par badhai or shubhakamanaye ...
जवाब देंहटाएंस्नेह आपका,बच्चों के प्रति सराहनीय है !
जवाब देंहटाएंशिउभ आशीष और यह ममता वांछनीय है ||