(सारे चित्र 'गूगल-खोज' से साभार)
!!नव वर्ष की सभी मित्रों को हार्दिक वधाई !!
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विगत वर्ष कल हो गया, देखो आज ‘अतीत’ !
गायें मिल कर चलो हम, नए वर्ष के गीत !!
‘मन-वीणा’ में ‘आस’ के, कभी न टूटें ‘तार’ !
‘सुर सरगम’ जीवित रहे, बना रहे ‘संगीत’ !!
ये ‘पनघट’ अनुराग के, रखो सँभल कर ‘पाँव’ !
यहाँ लुढ़क कर ‘प्रेम-घट’, कहीं न जाये रीत ||
‘महँगाई’ ने ‘जंग’ का, किया आज ‘ऐलान’ |
एक साथ, हो ‘एक जुट’, ‘जंग’ सकेंगे जीत ||
मत पछतायें याद कर, ‘विगत दिनों की बात’ !
कब आते है लौट कर, गये दिवस जो बीत ??
‘कुण्ठा’ के ‘हिम-पात’ से, मिटें न प्रेम-“प्रसून” !
फटक न पायें ‘ह्रदय’ में, भाव अनमने-‘शीत’ !!
मेरे ब्लॉग 'प्रसून' पर भी 'नये वर्ष का अभिन्दन !'पर आप
का स्वागत है !