tag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post834222396860032261..comments2023-12-23T02:06:46.562-08:00Comments on साहित्य प्रसून: झरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (ठ) आधा संसार | (नारी उत्पीडन के कारण) (१) वासाना-कारा (|||) काम-पशुदेवदत्त प्रसूनhttp://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-20661983182162087442013-05-10T07:41:04.695-07:002013-05-10T07:41:04.695-07:00अंतस को छूती बहुत सटीक अभिव्यक्ति...अंतस को छूती बहुत सटीक अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-49417389294047042222013-05-09T08:28:44.969-07:002013-05-09T08:28:44.969-07:00मेरे यथार्थ उदघाटन करने वाले स्वर को प्रोत्साहित क...मेरे यथार्थ उदघाटन करने वाले स्वर को प्रोत्साहित करने हेतु धन्यवाद !देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-49825525422030855412013-05-09T07:36:59.677-07:002013-05-09T07:36:59.677-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (10-05-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मेरी विवशता" (चर्चा मंच-1240) </a> पर भी होगी!<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-36518503753790004642013-05-09T03:21:08.523-07:002013-05-09T03:21:08.523-07:00 लोलुप-लम्पट ‘काम-पशु’, उच्छ्रंखल ‘दनु-पुत्र’ |
जै... लोलुप-लम्पट ‘काम-पशु’, उच्छ्रंखल ‘दनु-पुत्र’ |<br />जैसे होने लगे अब, मनु के कई ‘कुपुत्र’ ||<br /><br />समाज के हालात को बयां करती मार्मिक रचना dr.mahendraghttps://www.blogger.com/profile/07060472799281847141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-84669590579731737122013-05-09T02:14:08.865-07:002013-05-09T02:14:08.865-07:00बहुत बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.बहुत बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-92215011032669360212013-05-08T23:53:03.810-07:002013-05-08T23:53:03.810-07:00दिल को छू लेने वाली रचना....दिल को छू लेने वाली रचना....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2801149061971904074.post-90654091457180659402013-05-08T08:36:02.413-07:002013-05-08T08:36:02.413-07:00कुछ तन का भूख ,कुछ मन का भूख ने औरत को इस दशा में ...कुछ तन का भूख ,कुछ मन का भूख ने औरत को इस दशा में दाल दिया है -सटीक प्रस्तुति कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.com